देश में पहली बार बिजली से दौड़ेगा भाप का इंजन

देश में पहली बार बिजली से भाप का इंजन दौड़ेगा। रेलवे मंत्रालय के अधीन (आरडीएसओ) अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठनने यह बदलाव किया है।

इस इंजन का सफल ट्रायल अंबाला रेल मंडल के चंडीगढ़-साहनेवाल रेल सेक्शन पर यानि मुख्य लाइन पर किया गया है। इस ट्रेन की गति भी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह होगी। वहीं इस इंजन के साथ रेलवे ने विशेष वातानुकूलित कोच भी लगाए हैं।
यह कोच ट्रेन संचालन के दौरान जंगल सफारी का एहसास देंगे। कोच के बाहर विनाइल रैपिंग से जानवरों, हरे-भरे वातावरण और वाहनाें का चित्रण किया गया है, जो दूर से देखने मात्र से ही यात्रियों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

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ट्रेन को नया स्वरूप देने के लिए स्टीम इंजन को भी नए पेंट से सजाया गया है। इसमें एसी का भी प्रबंध किया गया है ताकि लोको पायलट को गर्मी न ले और सिस्टम भी ठंडा रहे। स्टीम इंजन के साथ लगी कोयले वाली वैगन के ऊपर ही आरडीएसओ ने बिजली से संचालित सिस्टम स्थापित किया है ताकि इंजन के स्वरूप में किसी प्रकार का बदलाव न हो|आरडीएसओ ने भाप के इंजन को नया आकर्षक स्वरूप प्रदान किया है।

पर्यावरण संरक्षित ट्रैक पर दौड़ेगी नई ट्रेन

रेलवे की योजना है कि देश में जहां कहीं भी हरा-भरा वातावरण, नदियां व झील इत्यादि हैं। उन सभी रेल सेक्शनों पर इस प्रकार के बिजली संचालित स्टीम इंजन चलाए जाएं ताकि पर्यटकों का सफर रोमांच और आनंद से भरपूर हो जाए और रेलवे के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो। ऐसा ही पर्यावरण संरक्षित रेल सेक्शन अंबाला रेल मंडल के अधीन जोगिंदर नगर-पठानकोट है, जो देवदार के वृक्ष और हरे-भरे वातावरण से भरपूर है। इस सेक्शन से हिमाचल के कई रमणीय स्थलों तक पहुंचना काफी सरल व सुगम है।

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